यादों में सिमटी उनकी मुलाकातें
घना अंधेरा और ये बरसातें
मन की गहराई में उतरी तन्हाई
कैसी सौगात जाने जिंदगी है लाई
कल्पना में अक्सर होती थी आहट
पूछ बैठता उनसे ऐसे ही बरबस
साथ दोगे क्या जिंदगी भर
या चंद कदमों का है
अपना यह सफर सुहाना
काश पढ़ पाता नीली ऑखों का राज
उनकी खामोशी अनकहा अंदाज
था छुपाया नहीं कुछ भी उन्होंने
बस अंदाज कुछ जुदा था ऐसा कि
अदद सा इनकार दिल समझ न पाया
खता छोटी थी करने की ऐतबार
सजा उससे भी छोटी मिली
सिर्फ जीवन भर इंतजार
घना अंधेरा और ये बरसातें
मन की गहराई में उतरी तन्हाई
कैसी सौगात जाने जिंदगी है लाई
कल्पना में अक्सर होती थी आहट
पूछ बैठता उनसे ऐसे ही बरबस
साथ दोगे क्या जिंदगी भर
या चंद कदमों का है
अपना यह सफर सुहाना
काश पढ़ पाता नीली ऑखों का राज
उनकी खामोशी अनकहा अंदाज
था छुपाया नहीं कुछ भी उन्होंने
बस अंदाज कुछ जुदा था ऐसा कि
अदद सा इनकार दिल समझ न पाया
खता छोटी थी करने की ऐतबार
सजा उससे भी छोटी मिली
सिर्फ जीवन भर इंतजार
Nice lines...heart touching....
ReplyDeleteNice lines...heart touching....
ReplyDeleteThank you Navneet..
ReplyDeleteSuperb line bhai....
ReplyDeleteधन्यवाद सौम्य!
ReplyDeleteBeautiful
ReplyDeleteThanks sir!
ReplyDelete