जिंदगी के आँगन में
आपकी यादों के सितारे होंगे
जब ढू़ढ़ेंगी नजरें आपको
हर तरफ़ तन्हाइयों के साये होंगे
ना कोई शिकवा ना शिकायत करेंगे
दो पल का साथ थी आपकी दोस्ती
ये पल जिंदगी की अमानत रहेंगे
कितने खु़शनसीब थे हम
जो आपसे मुलाकात हुई
भूल गए ग़म दिल के सारे
खुशी के लम्हे सौगात हुई
मिलना और बिछड़ना तो खेल है
हाथों की लकीरों का
दूर होकर भी जिसे याद करेंगे
ऐसी आपसे मुलाकात हुई
फूलों में आपकी हँसी ढ़ूढ़ता हूँ
हवाओं से पूछता हूँ आपका पता
हँसती है मेरी तन्हाई भी मुझपर
जब होता हूँ आपकी यादों में लापता
ना भूला हूँ कभी कभी ना भूलूँगा
बँधी है डोर जब तक सांसों की
आपसे यह रिश्ता निभाउँगा
दुआयों में याद करेंगे आपको
यादों में ऐसे बसाएंगे
टूट जाएगी ग़र डोर सांसों की
परलोक से भी राह निहारेंगे
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