सो गए सहारे सभी
मेरी रात अभी बाक़ी है
डूब गया सूरज मगर
सफर आसमान का अभी बाक़ी है
सुना ली सबने ख्वाहिशें अपनी
सोचा नहीं रुक कर सुनना कभी
भर जाएगा आँखों का गहरा समंदर ग़र
कर दूँ शुरू जो बात अभी बाक़ी है।
ना सुखी रहे डाली उमंगों की कोई
सींचना ही होगा हर क्यारी हमें
फूल खिलेंगे सपने मिलेंगे
माली का देखो अरमान अभी बाक़ी है
उगा के आँखों में सपने दो-चार
भर के पंखों में जान नई
चला नापने अंबर का किनारा
पंछी का देखो परवाज़ अभी बाक़ी है।
मेरी रात अभी बाक़ी है
डूब गया सूरज मगर
सफर आसमान का अभी बाक़ी है
सुना ली सबने ख्वाहिशें अपनी
सोचा नहीं रुक कर सुनना कभी
भर जाएगा आँखों का गहरा समंदर ग़र
कर दूँ शुरू जो बात अभी बाक़ी है।
ना सुखी रहे डाली उमंगों की कोई
सींचना ही होगा हर क्यारी हमें
फूल खिलेंगे सपने मिलेंगे
माली का देखो अरमान अभी बाक़ी है
उगा के आँखों में सपने दो-चार
भर के पंखों में जान नई
चला नापने अंबर का किनारा
पंछी का देखो परवाज़ अभी बाक़ी है।
No comments:
Post a Comment